* किस भाषा में व्यक्त करें? *
अवगुण्ठित जिह्वा रुक जाये, कैसे कुछ अभिव्यक्त करें?
बातें उतर नहीं मानस में, किस भाषा में व्यक्त करें?।।१।।
बाह्य-दृष्टि में कल्पकथा है,
किन्तु अगम सच का अभिलेखन।
स्यात् पहुँच जाओ उस तल पर,
शून्य भाव पर कैसा मन?
थोड़ी सी वह दिव्य झलक, इस मन को भी अनुरक्त करे।
बातें उतर रहीं मानस में, किस भाषा में व्यक्त करें।।२।।
पद पाकर, पद रहित बन गये,
आत्मपथिक को क्या पाथेय!
आकुलता आह्लाद बन गयी,
स्वत: घटित, किसको दें श्रेय?
गहन गुफा की ज्योतिर्मयता, तम से चिर प्रतिरक्त करे।
बातें उतर रहीं मानस में, किस भाषा में व्यक्त करें?।।३।।
नादशून्यता, क्या निनादमय!
विश्व- विधा का सब परिमापित।
श्लाघा का व्यामोह शून्य है,
व्यर्थ हुआ पत महिमामण्डित।
सुख- दु:ख का आह्वान उपेक्षित, मुदिता की विज्ञप्ति सरे।
बातें उतर रहीं मानस में, किस भाषा में व्यक्त करें?।।४।।
यदा- कदाचित् इन आँखों में,
अनुभव का गाम्भीर्य उतरता
मस्ती का लालित्य अनूठा,
परखो जानो अब क्या सरता?
किस लिपि को उपधान बनाकर, अनुभव सरणि विभक्ति हरें।
बातें उतर रहीं मानस में, किस भाषा में व्यक्त करें?।।५।।
अशोक सिंह 'सत्यवीर' {पुस्तक- पथ को मोड़ देख निज पिय को}
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